Kitabganj, UncategorizedJune 14, 2024मैं हारा तो क्या, मेरी कोशिश की कहानी मेरे लोगों के जेहन में बाकी है। मैं गिरा तो क्या, मेरे उड़ने के निशान आसमान में बाकी हैं।
KitabganjJune 4, 2024कोशिकाओं में बसती हैं स्मृतियां हमारे शरीर की अनगिनत कोशिकाओं में हैं अनगिनत स्मृतियां, अनगिनत स्मृतियों में न जाने कितने लोग , कितने भाव कितनी जगहों ने घर बना लिया अपना।
Kitabganj, UncategorizedJune 4, 2024राम प्रसंग ने हमें एक गहरे संदेश से परिचित किया है। यह कविता एक पथिक के अनुभवों को दर्शाती है जो एक यात्रा पर जाता है, और उसे अपने घर लौटते समय ईश्वर के साथ उसके विचारों की गहराई का अनुभव होता है।